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बोले पंक्तियां

Inspirational

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बोले पंक्तियां

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त्याग

त्याग

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छोड़ दिया वो नींदो का डेरा, छोड़ दिया वो आराम का मेला

नये जन से लगा लगाव, मिला दूसरे "घर-जन से" हुआ अकेला

तैयार आज में पूरा लगाने वो दौड़, जो बंद आँखें लगाती वर्षों से

ना जाने कितने दर्द, आँसू, पी गए, इसे पाने के लिए हर्ष से


तना सीना, स्थिर नजर रख, हम देश के जवान, सदैव यहाँ खड़े है

शत्रु करके तो देखे एक प्रयास, अंतिम सांस तक हम लड़े है

सब कुछ बदल गया होगा, लेकिन हम अभी वहीं टीके हुआ है

मौसम भी हमसे हार गया, वो दूरबिं दार्शनिक कब तक टिकेंगे


मन से पहले हुई थी लड़ाई, प्रेम भूलकर, उसे मना कर जीत लिए

फिर तन के थे मोर्चा, तो जिद और जुनून से वो भी जीत लिए

हौसला से हासिल किया सब कुछ, हर कोई नहीं रख पाता है

हम भी थे कितनों के बीच, ऐसे ही थोड़ी कोई एक बन जाता है


तुम खूब जीयो, खुश रहो, डटे रहो, सलाम, देश की सुरक्षा में

पंक्तियों की अरदास यही भगवान, सदैव अमरजन के रक्षा में

श्रोतागं ओ युवक! तुम याद रखो इनके प्रयास, बलिदानों को

अटल है, ये तन दीवार समान, तो देख रहे हो अपने जानो को


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