आइए आपको रचनाकार बनाते हैं
आइए आपको रचनाकार बनाते हैं
आपको बड़ा कवि या कवियित्री बनना है ?
बहुत आसान है। फेसबुक भगवान को प्रणाम कर उन लोगों की प्रोफाइल पर जाओ जिनकी पोस्ट पर ज्यादा लाइक्स और कमेंट्स आते हैं।और नियम से श्रद्धा के साथ उनकी हर पोस्ट पर लाइक और कमेंट करो कुछ दिनों में तुम्हारे इस भक्ति भाव से उस प्रोफाइल के देवता पिघल जाएंगे और आशीर्वाद स्वरुप तुम्हारी पोस्ट की हुई रचना को लाइक करेंगे।
वो यह नहीं देखेंगे तुमने क्या लिखा है और क्या नहीं सही या गलत उन्हें इससे कुछ लेना-देना नहीं।कुछ और दिन बाद तुम्हारी सेवा से प्रसन्न होकर आशीर्वाद स्वरुप तुम्हारी रचनाओं पर कमेंट भी करेंगे।तुम्हारी मेहनत वसूल हो गई समझो, अब तुम्हारे म्युचुअल फ्रेंड्स की संख्या में इजाफा होने लगेगा।
आगे का काम करेंगे नवोदित रचनाकारों (बडिंग पोइटस) को मंच पर उभारने का काम करने वाले ग्रुप्स और पेज एडमिन। यह तुम्हें रातों-रात सितारा बनाने के ख़्वाब दिखाएंगे तुम्हारी प्रतिभा को निखारने की बात करने वाले तुम नवोदित रचनाकारों को आपस में ही भिड़वा देंगे और उनमें से कुछ को चुनकर तुम्हारे आगे एक चुनौती रख देंगे प्रतियोगिता को जीतने की 1, 2, 3 राउंड... जो जीतेगा उसे उभरते हुए युवा कवि का ताज पहना देंगे उसके साथ फेसबुक इंस्टा लाइव करेंगे। अपनी दुकान के लिए कच्चा माल तैयार क
रते यह लोग कुछ दिनों में तुम्हारी रचनाओं का प्रकाशन करवाएंगे तुम्हें ऑथर बना देंगे।
तुम इनकी नजर से देखोगे, सोचोगे और अपने को बड़ा कवि, लेखक महसूस करने लग जाओगे क्योंकि तुम्हारा मुकाबला जिन से करवाएंगे उनसे मुकाबला कर तुम्हें लगेगा तुम बहुत अच्छे रचनाकार हो ।इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता तुम्हारे कामयाब या नाकामयाब होने से... इन्हें अपना नाम ऊंचा करना हैअपने आपको स्थापित करना है।
बेरोजगारी के इस दौर में प्रकाशकों की तो लॉटरी निकल पड़ी है इस कोरोना काल में घर में रहकर बोर हो चुके लोगों का सहारा बन गई है किताबें।
तुम्हारी किताब प्रकाशित होते ही कुछ दिनों में यह तुम्हें भूल जाएंगे तुम्हारी बात का जवाब देने के लिए भी शायद इनके पास वक्त ना हो।हां यह बड़े संपादक और कुछ दिनों में बड़े राइटर भी बन जाएंगे।
तुम्हारी किताबें अलमारी में धूल खाती तुम्हें मुंह चिढ़ाएंगी।सफलता का रास्ता शॉर्टकट से होकर कभी नहीं गुजरता!अगर वाकई अच्छे कवि लेखक बनना चाहते हो तो अच्छे राइटर्स की किताबों को पढ़ो।जमीन में अंकुर फूटते हुए देखा है तुम लोगों ने कभी ???
उस नवांकुर को बढ़ने के लिए किसी की जरूरत नहीं होती प्रकृति के द्वारा मिले धूप हवा पानी से वो निखरने लगता है और एक दिन बड़ा वृक्ष बन कर शान से लहलहाता है।