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Garima Mishra

Romance Fantasy

4  

Garima Mishra

Romance Fantasy

कभी तुम यूँ करना

कभी तुम यूँ करना

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कभी तुम यूँ करना

कि मुझसे रुठ जाना

जब तक ख़ुद आकर ना मनाऊँ

तुम मुझे यूँ ही सताना 


कभी तुम यूँ करना 

कि बेवज़ह प्यार जताना

ज़रा अपनी उलझनों से निकलकर

यूँ ही मुझसे मिलने आ जाना


कि तुम अपनी मोहब्बत के दायरे को

अल्फ़ाज़ों में पिरो कर सुनाना

कि कभी ख़ो जाऊँ इस अजनबी जहाँ में

मुझे अपनी चाहत की जंजीरों से खींच लाना


कभी तुम यूँ करना

कि ज़माने की भीड़ में मुझे अपना बताना

कभी तुम यूँ करना

कि हमेशा के लिए सिर्फ मेरे हो जाना।


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