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Pritam Kashyap

Abstract

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Pritam Kashyap

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सपने का राजा

सपने का राजा

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सपने होते तो मैं उड़ जाता,

 स्वयं को राजा बतलाता,

राज्य सिंहासन को ना छोड़ता,

और राज्यों के मजे उठाताI


कभी-कभी मैं सोचता हूं,

अगर मैं राजा हूँ,

तो लोग मुझे क्यों कुदृष्टि से देखते हैं,

क्यों मैं लोगों को ना भाता हूँ,


चाहे हो राजा हरिश्चंद्र या हो

बादशाह अकबर लोग तानी मारने से

बाज ना आते हैं

और राजा का जीवन दुखी बनाते हैं ।।


-----------------------------------------------प्रीतम कश्यप------------------------------------------------


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