STORYMIRROR

Pradeep Sahare

Abstract

4  

Pradeep Sahare

Abstract

चाँद

चाँद

1 min
170

चाँद से हमारा,

रिश्ता है सदियों पुराना

रिश्ते में हैं प्यारे मामा

बचपन में,

माँ ने कराई पहली मुलाकात।

फिर करते रहें,

हमेशा उससे बात

कभी गोरी के गाल बना,

कभी मुखडा बना

तो कभी..

चाँद सी मेहबुबा ।

साथ रहा हमेशा

धरती माँ का,

रक्षक रहा बना,

भाई बनकर

झेले आंधी,तूफान,

सीना तानकर

अगर यह,

भाई ना होता तो !

कब का इस बहन का,

अस्तित्व खत्म हो जाता।


এই বিষয়বস্তু রেট
প্রবেশ করুন

Similar hindi poem from Abstract