चाँद
चाँद
चाँद से हमारा,
रिश्ता है सदियों पुराना
रिश्ते में हैं प्यारे मामा
बचपन में,
माँ ने कराई पहली मुलाकात।
फिर करते रहें,
हमेशा उससे बात
कभी गोरी के गाल बना,
कभी मुखडा बना
तो कभी..
चाँद सी मेहबुबा ।
साथ रहा हमेशा
धरती माँ का,
रक्षक रहा बना,
भाई बनकर
झेले आंधी,तूफान,
सीना तानकर
अगर यह,
भाई ना होता तो !
कब का इस बहन का,
अस्तित्व खत्म हो जाता।
