तब माँ के हाथो की बनी खीर का न्यौता अवश्य दूंगा। तब माँ के हाथो की बनी खीर का न्यौता अवश्य दूंगा।
जाने कितने सपने ले के छत पे आता जाता चाँद जाने कितने सपने ले के छत पे आता जाता चाँद
इस पोटली पे जाने के बाद भी ये रिश्ते ज़िंदा रहते हैं। इस पोटली पे जाने के बाद भी ये रिश्ते ज़िंदा रहते हैं।
जिंदगी और भी सुंदर हो गई, मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए। जिंदगी और भी सुंदर हो गई, मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए।
चांदनी को बिखेरेगा अपने इस उजड़ते वीरान, परेशान गांव को पहले की तरह। चांदनी को बिखेरेगा अपने इस उजड़ते वीरान, परेशान गांव को पहले की तरह।
अधमूंदी आंखों में , आ के, निंदिया का झूला झुला जा। अधमूंदी आंखों में , आ के, निंदिया का झूला झुला जा।