गाँव की याद
गाँव की याद
मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए
जीवन की माला के मनके और भी चमक उठे,
जिंदगी और भी सुंदर हो गई,
मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए
ऐसा लगा जैसे पुष्प पर फिर
से किसी ने जल छिड़क दिया,
प्यासी दिये की बाती को और गीला कर दिया,
वो चम्पा का फूल, चमेली की कलियाँ,
चमकते घास के मोती, गेहूं मे बालियाँ,
फिर याद आ गई, मक्के की गरम रोटियाँ,
बकरी का मिमियाना, गाय का रस्सी खीचना,
वैसे ना सही तो, ऐसे ही स्मृति मे जब,
मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए
जीवन की माला के मनके और भी चमक उठे,
जिंदगी और भी सुंदर हो गई,
मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए।