Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Govardhan Lal

Abstract

4.5  

Govardhan Lal

Abstract

झांकते चेहरे

झांकते चेहरे

1 min
135


झांकते चेहरे

क्या तुम भी देख पा रहे हो इन्हें

मैंने देखे झांकते चेहरे

छोटा हाथी, बड़ा पिक अप

ऑटो, बस, रेल और समाचार में ये चेहरे


अपने कुनबे से वे दूर थे

दिहाड़ी के लिए मज़बूर थे

मालिक के चहेते थे


काम के उस्ताद थे

कई बार सुना था, इंसान प्यारा

नहीं होता काम प्यारा होता है

आज इस कहावत के अर्थ निकल आए हैं गहरे

मैंने देखे झांकते चेहरे


था जो थोड़ा दाल और आटा

खतम हुआ वो भी, अब घाटे में क्या घाटा

सड़कों पर निकल पड़े हैं, साईकिल, पैदल, रिक्षा


जाना चाहते हैं वहीं जहां से पापी पेट इन्हें ले गया था,

कहते हुए कि हां हम मजदूर हैं, नहीं कोई तमाषा

क्या तुम भी देख पा रहे हो इन्हें

मैंने देखे झांकते चेहरे


कोरोना का अब नाम हैहै

ये चेहरे पहले ही गुमनाम है

इनके लिए ऐसा कौन सा प्लान है

हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी

अपनी कलाकारी के बाद भी

काम के लिए दूसरों की तरफ ताकते चेहरे

क्या तुम भी देख पा रहे हो इन्हें

मैंने देखे झांकते चेहरे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract