शिक्षक के लिए
शिक्षक के लिए
दो चार शब्द शिक्षक की तारीफ़ में बोल दो
मेहनत और लगन के लिए अपना मुँह खोल दो
मान सम्मान सब पुरानी बातें हैं
जबकि वे सबको यह दिलाते हैं
जो आए वह सुनाए
कुछ सुझाव कुछ गलतियाँ गिनाए
वे कितने पानी में कौन जाने
शिक्षक सबकी सुने लेकिन किसकी माने
एक गया एक एक आया
कौन कहाँ से आया
सुबह से शाम स्कूल में चहल कदम
जीओ, एनजीओ आने को तैयार एकदम
सब अपनी गाते हैं
साथ में कुछ आदेश लाते हैं
थोड़ा सी अच्छाई भी देख लो
शिक्षक की दिनचर्या दो दिन जीके देख लो
या फिर जो देखा उसके लिए-
दो चार शब्द शिक्षक की तारीफ़ में बोल दो
मेहनत और लगन के लिए अपना मुँह खोल दो
लेखक- गोवर्धन हटीला
