लिखना चाहता हूं जो कह ना सकूं
सो जा मुसाफिर नया साल का पहला दिन है। सो जा मुसाफिर नया साल का पहला दिन है।
यह तेल बढ़ता क्यों नहीं पानी से जैसे दूध बढ़ जाता हैं पानी से यह तेल बढ़ता क्यों नहीं पानी से जैसे दूध बढ़ जाता हैं पानी से
जिंदगी और भी सुंदर हो गई, मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए। जिंदगी और भी सुंदर हो गई, मेरे गाँव जब तुम मुझे याद आए।
क्या तुम भी देख पा रहे हो इन्हें मैंने देखे झांकते चेहरे। क्या तुम भी देख पा रहे हो इन्हें मैंने देखे झांकते चेहरे।