मदारी
मदारी
मदारी सी हो गई,
अब ऑफिस की नौकरी।
बँग हो गई पिटारा।
लेकर कंधे पर,
भागता बेचारा।
पहुंचता है ऑफिस।
लेकर क्षण भर श्वास,
थोड़ी सुकून की।
सुनता फिर,
बॉस के मन की।
निकालता फिर पिटारे से,
एक " लॅपटाप"
रखता छोटे टेबल पर,
समझकर उसे मैदान।
लॅपटॉप हैं उसका नेवला,
साँप हैं लंबा चार्जर।
माउस भी हैं संग।
मोबाइल बनता डमरु।
होता फिर ऑफिस में,
मदारी का खेल शुरु।