मैं प्यार हूं
मैं प्यार हूं
मानो तो जीवन का आधार हूँ
मैं प्यार हूँ
निःसंदेह निर्विकार हूँ
मैं प्यार हूँ
दम्भ पाखंड में नहीं
मैं भावों का भंडार हूँ
मैं प्यार हूँ
मैं पतित को पावन
गरल को सुधा बनाता हूँ
हाँ, मैं ही मीरा का
कृष्ण मुरार हूँ
मैं प्यार हूँ
ध्रुव प्रहलाद सुदामा
गणिका गिद्ध अजामिल
सबका सूत्रधार हूँ
मैं प्यार हूँ
ना मोल कामनाओं से
ना तौल वासनाओं से
मैं पवित्र गंगधार हूँ
मैं प्यार हूँ
सृष्टोदय से सृष्टान्त तक
चराचर में उपस्थिति
देहस्पर्श से परे
प्रकृति आत्मानुभूति
मैं अविनाशी अपार हूँ
मैं प्यार हूँ।