STORYMIRROR

Kavita Sharrma

Abstract

4  

Kavita Sharrma

Abstract

शब्दों का सफर

शब्दों का सफर

1 min
280

शब्दों का भी अपना ज़ायका होता है

लेखक इनसे वाक़िफ होता है


लेखन का महत्व तब और बढ़ जाता है

जब इन्हें मोती की तरह पिरोकर


लेखक कागज़ पर बंया करता है

समाज के सच को उजागर करता है


तलवार से युद्ध तो कर्मवीर जीतते हैं

विचारों की जीत लेखक तय करता है


लेखक रहे या न रहे कल

पर शब्द उसके हमेशा रहेंगे अमर। ‌


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract