यादों का सताना
यादों का सताना
सूरज जब उठता है
तो पंछी गाना गाते हैं
सूरज जब ढलता है
तो सभी प्राणी सो जाते हैं
याद मगर जब आती है
तो गम में आँखें खो जाती हैं
जीवन में यादें रोज़-रोज़
क्यों सताती है
याद कहां कब आ जाएगी
कोई ना जान पाया है
कैसे मैं बतलाऊँ तुमको
याद एक बुरी बीमारी है
मनुष्य को लग जाती है
तो जीवन भर तड़पाती है
और दिन-रात यही सताती है।