अंत ही आरंभ है
अंत ही आरंभ है
अंत ही आरंभ है
सृष्टि का प्रारंभ है
समय की पुकार है
अंत ही आरंभ है
अंत ही प्रारंभ है
अंत ही आरंभ है
यह समय की चाल है
अंत ही आरंभ है
कौरवों की हार थी
पांडवो की जीत थी
ये समय को ज्ञात था
कृष्णा को पता भी है
फिर भी वह अनजान है
अंत ही आरंभ है
सृष्टि का प्रारंभ है
समय की पुकार है
अंत ही आरंभ है
वीरों को तुम पहचान लो
गीता का ज्ञान धृतराष्ट्र को भी है
समय की चल को
संजय की पुकार को
कृष्ण की अवाज को
तुम पहचान लो
अंत ही आरंभ है
सृष्टि का प्रारंभ है
समय की पुकार है
अंत ही आरंभ है
करण को जो ज्ञान है
पांडवों की पहचान है
अर्जुन क्यों इससे अंजन है
श्रेष्ठ है मगर भी फिर
युद्ध मात्र विकल्प है
छब्बीस हज़ार मिनटका युद्ध
किसी के अंत का प्रमाण
अंत ही आरंभ है
सृष्टि का प्रारंभ है
समय की पुकार है
अंत ही आरंभ है
परिणाम की तुम्हें भय है क्या
परिणाम कि तुम चिंता ना करो
क्योंकि अंत ही आरंभ है
सृष्टि का प्रारंभ है
समय की पुकार है
अंत ही आरंभ है
अंत ही आरंभ है
सृष्टि का प्रारंभ है
समय की पुकार है
अंत ही आरंभ है
अंत ही आरंभ है
अंत ही आरंभ है II