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Neeraj pal

Abstract

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Neeraj pal

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मजनूँ बना दिया।

मजनूँ बना दिया।

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गुरुवर तेरे प्यार ने, मुझको मजनूँ बना दिया ।

दीवानगी की हद ने मुझको, जीने का सबब सिखला दिया।।

 

माया रूपी जाल ने, मुझको इस कदर उलझा दिया,

व्यसनों को पाने की खातिर, असली मकसद ही भूल गया,

भटके हुए राही को तुमने, सही पथ दिखला दिया।। गुरुदेव तेरे.........


 काम, क्रोध, लोभ, मद में ,इस कदर मैं तो चूर हुआ,

 स्वार्थी बन अपनों में ही, जी जान से मशगूल हुआ,

 लेकिन तेरे दीदार ने, नि:स्वार्थ का पाठ पढ़ा दिया।। गुरुदेव तेरे...........


 रिश्ते, नाते, सारे बंधन, तुमसे है मुझ को दूर किया,

 जिन के खातिर अपने को, कर्जदार मैंने बना लिया,

 कर्ज रूपी पहाड़ तले, दबने से तुमने बचा दिया।। गुरुदेव तेरे...........


 नहीं डर इस सत्य से, कि संसार से जाना निश्चित है,

 सिर्फ डरता इस बात से, कि तुम में मिलना मुश्किल है,

 मिलन की इस व्याकुलता ने, तुमने रास्ता दिखला दिया।। गुरुदेव तेरे.....


 निर्मल हृदय में तुम बसते हो, इससे सदा मैं अनभिज्ञ था,

 हृदय अशान्त, नैन गर्वीले ,अहंकार में मैं चूर था,

 पतित पावनी "रामाश्रम" धारा में," नीरज" को निर्मल बना दिया।। गुरुदेव तेरे.........


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