तू किनारे ही चलना
तू किनारे ही चलना
जीवन के रस्ते में लगी है होड़
भागते मानवता की गर्दन मरोड़
किसी की आशाओं को कभी
इशारे में भी न छलना
तू किनारे ही चलना
न अपना दर्द सहा जाता
न दूसरों की खुशी यहां
अपने सपने हों पूरे
ताक ते रहे सारा जहां
अपने गम में मरहम लगा
औरों के घाव नमक न मलना
तू किनारे ही चलना
जीवन के रस्ते में लगी है होड़
भागते मानवता की गर्दन मरोड़
किसी की आशाओं को कभी
इशारे में भी न छलना
तू किनारे ही चलना।
