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Akshayakumar Dash

Fantasy

4.0  

Akshayakumar Dash

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खुद को संभालो आसमान कहता साफ हो

खुद को संभालो आसमान कहता साफ हो

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जैसे बादल से मतलब खुद नहीं

हाय रे मान सम्मान छोड़ो

अकेले में एक ही प्रकाश डाला जा

किसी के हिस्से सारे जहाँ तक रही। 


हवा की तरह हो सकता

सभी के साथ एकता लेकिन फिर भी

नहीं जुड़ता स्वार्थ से क्यूं नहीं चकरी मारता। 

बारिश से पहले अंधेरा 

जीवन में दुःख, सुख का राह

 

अपनों को संभालो तो फोन से

सुरक्षित स्थान देखो

चिडिया जैसे खुले आकाश धरत्रि् पर भरोसा

चंचल मन को ही प्रकाश की तरह

केंद्रित किया जा सकता है


कुछ लोग कहते हैं संसार किया गया

लोभ मोह माया रूप से क्यूँँ नहींं

सैन्य।सि की जिबन देखकर आज

याद आती सब कुछ छीन लिया

चिंतन एक बार परम आनंद प्राप्त


खाना खुद बनाओ आपने मुंह तोड़ फोड़

कदम उठाने वाले लोग कहते है कंजूस 

तुम मुझे लगता था नई इन्सान

अपने के बारे सोच कर सकते

खुद को संभालो। 


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