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Akshayakumar Dash

Inspirational

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Akshayakumar Dash

Inspirational

आजादी

आजादी

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हरे पत्ते पेड़ पौधे

नदियों बहती गाती हैं,

रूप, रंग, ढंग अलग है

फिरभी त्रिरंगा फरती है ।

भेसअलग भाषा फरक

जातिपाति धमड है,

भाईचारा का संबंध न्यारा

फिरभी त्रिरंगा फहराती है।

राजान एक राज्य अनेक

अंग बग मगध कलीग,

अग्रेजियो सासन किए

लुटलिया रत्न अनेक।

विरांगना लष्मीबाई

किए आजादी लड़ाई,

बलिदान दिए देशमे

चाहते देशकी भलाई।

सुबासने मांग रुधिर

हिन्द फ़ौजमे जोड़ो,

अंग्रेज हटजायो यहाँ

हमारा देश छोड़ ।

गांधीजी की बणि

अहीसा परम अस्त्र,

सारे देश एकता मंत्र

सत्याग्रह का जंत्र ।

डरगये फिरंगी

छोड़ दिए देश,

चोरकी तरह अंधरोमे

चलपडे बिदेसी ।

अगस्ट पन्द्रों सुबह

उड़ा दिया त्रिरंगा,

स्वाधिन होगये हमलोग

रामराज्य आगया।

चोहस्तर साल की कहानी

अधूरा रहगया,

अबभी भोक कि नाते 

इनसान मरगया।

नारी बलात्कार

किसानका खेत को पानी

झोपडीमे रोसन

जुबायो की नोकरी

महिलाओं के सुरख्या

कहाँ गया राम

तेरा गंगा में मैला पानी ।

सत्ता केलिए नेताके भीड़

सेबा करता द्रुनीति

इन्सान बनगये नेता

भारत भाग्य विधाता।

आज भी देखरहे जनता

नेता लोक का चाल,

देश को बचाने बाले

करते रहे खोल।


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