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Akshayakumar Dash

Classics

3.5  

Akshayakumar Dash

Classics

मुझे डर है

मुझे डर है

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मेले में गुनड़ा

मन्दिर में पनडा,

स्कूल में घंटा

खानें में बनटा।


रास्ते में भीड़

सब्जी में कीड़,

बजार में शोर

घर में चोर।


पेड़ में साँप

ठंड में काँँप,

नशे में मात

अंधेरी रात।


नेता की बातें

चाकू का हातें,

सामने में ताला

पिछले में खोला।


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