नारी
नारी
जो नारी है वह सब पर भारी है
एहसान इतने इसके कि पूरा
पुरुष वर्ग इसके के आभारी है
फिर भी इज्जत और मान सम्मान
नहीं मिल रहा इनका क्या बस
दिखावे की इज्जत करें
इतनी जी हमारी जिम्मेदारी है
आज की जो नारी है
वह सब पर भारी है
दुर्गा है आदि शक्ति है
रूप वह काली है
यह न समझो कि अब
वह अगला है
अकेली है वह बेचारी है
आज की जो नारी है
अब वह सब पर भारी है
बहुत सहन कर ली उसने
मार किस्मत की अब बन चुकी
धधकती आग जो
अब तक बनी चिंगारी है
आज की जो नारी है
वह सब पर भारी है।