खुद्दार
खुद्दार
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किसी को किसी की कमी है...
आसमां इतना बड़ा होकर सोचता है उसके पास नहीं क्यों जमी है...
रो कर नहीं बता सकता है...
तकलीफ वह उसकी...
चेहरे पर मुस्कान है...
लेकिन गौर से देखो तो उसकी आंखों में भी नमी है...
यह कोई पूरा नहीं है...
हर किसी के पास कोई कमी है...
आसमान सोचता है...
उसके पास क्यों नहीं जमी है...
तुमने रोकर बयां कर दिया दर्द अपने...
उसकी सारी समस्याएं उसके खुद के दिल के अंदर जमी है...
यह हर कोई सोचता है...
उसके पास कमी है...
आसमां भी है सोचता है...
इसके पास क्यों नहीं करनी...