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Krishna singh Rajput sanawad

Others

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Krishna singh Rajput sanawad

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अधूरी ख्वाहिशें

अधूरी ख्वाहिशें

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किसी को किसी की कमी है...

आसमां इतना बड़ा होकर सोचता है उसके पास नहीं क्यों जमीं है...


रो कर नहीं बता सकता है..

तकलीफ वह उसकी...

चेहरे पर मुस्कान है...

लेकिन गौर से देखो तो उसकी आंखों में भी नमी आंखों में भी नमी है...


यह कोई पूरा नहीं है...

हर किसी के पास पास कोई कमी है...

आसमान सोचता है...

उसके पास क्यों नहीं जमीं है...


तुमने रोकर बयां कर दिया, कर दिया बयां कर दिया दर्द अपने...

उसकी सारी समस्याएं उसके खुद के दिल के अंदर जमी है...


यह हर कोई सोचता है...

उसके पास कमी है...

आसमां भी है सोचता है...

इसके पास क्यों नहीं करनी...


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