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Krishna singh Rajput sanawad

Others

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Krishna singh Rajput sanawad

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खुशनसीब

खुशनसीब

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हर एक लम्हा हसीन था

हर एक लम्हा हसीन था

जब मैं अपने परिवार के करीब था


अंदाजा इसी से लगाइए मेरे खुशकिस्मती का

कि मैं उनके हर खुशी में उनके साथ शरीक था

हर एक लम्हा हसीन था जब मैं अपने परिवार के करीब था.


दौलत तो खूब जमा रखी थी हमने जमाने भर की..

दौलत तो खूब कमा रखी थी हमने जमाने भर की..


मगर जब पाया प्यार उनका तब ख्याल आया

कि यार अब तक पैसे होते हुए भी मैं गरीब था..

हर एक लम्हा मेरी जिंदगी का हसीन था

जब मैं अपने परिवार के करीब था


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