बेटी
बेटी
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टूटी फूटी कुटिया में रहकर
मां-बाप का साथ निभाती हैं बेटियां,
बेटों से सारी उम्मीदें खत्म होने पर
मां बाप के काम आती हैं बेटियाँ।
अगर उसी की एक बूंद है बेटे
तो खुशियों की वार हैं बेटियां।
एक कुल में पैदा होकर दोनों घर की
शान बढ़ाती हैं बेटियां।
अब तो गोल्ड भी जीतने लगी हैं
वायुयान में उड़ने लगी हैं बेटियां।
उनकी फूटी कुटिया में रहकर भी मां-बाप का साथ निभाती हैं बेटियां।