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Krishna singh Rajput sanawad

Children Stories

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Krishna singh Rajput sanawad

Children Stories

वो नारी है

वो नारी है

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क्या उसका इतना सा दोष है ..

कि वह नारी है ..


मायके में तो सबको अच्छी लगती है..

 फिर क्यों ससुराल वालों को लगती है कि हम पर भारी है ...


क्या उसका इतना सा दोष है..

 कि वह नारी है...


सब कुछ त्याग दिया है उसने अपना..

 खुशियां सारी खुद कि उसने मन ही मन मारी है..


 क्या उसका इतना सा दोष है..

 कि वह नारी है.....


सिर्फ बेटे ही नाम रोशन करते हैं ..

और बेटी बोझ बनती है गलत यह सोच हमारी है ..


क्या सिर्फ उसका इतना सा दोष है..

 कि वह नारी है....


हक उसे भी है जीने का..

 छीनना उसकी खुशियां यह उसके साथ गद्दारी है..


 क्या उसका इतना सा दोष है..

 कि वह नारी है....


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