Gulab Jain
Drama
अपनी सियासत की चालों से
बादशाह ख़ुद को बचाते हैं।
लोग बेवकूफ़ बन कर
प्यादों की तरह मात खाते हैं।
मुक़ाबला मुश्...
आँखों से बयां...
हसीन लम्हें.....
भर-भर के जाम ...
धड़कनें थमीं ...
दीपक और तूफ़ा...
कितने मजबूर य...
प्रेम के फूल....
स्वप्निल-सी भ...
निबाह ख़ारों स...
एक के मन का काम करोगी तो दूजे को रुष्ट पाओगी एक के मन का काम करोगी तो दूजे को रुष्ट पाओगी
कई मरकर भी जी रहे कई जीते जी मर रहे हर रोज आज भी। कई मरकर भी जी रहे कई जीते जी मर रहे हर रोज आज भी।
मन हुआ दूल्हे की करूं पिटाई आज का युवक और ऐसा लालच मन हुआ दूल्हे की करूं पिटाई आज का युवक और ऐसा लालच
तारों भरे आसमान का वो सितारा हो गया, अब रात भर यादों के साथ उसे तकते हे हम। तारों भरे आसमान का वो सितारा हो गया, अब रात भर यादों के साथ उसे तकते हे हम।
और फिर वह बस गई स्मृति में, उन सुख के दिनों की स्मृति बन कर। और फिर वह बस गई स्मृति में, उन सुख के दिनों की स्मृति बन कर।
भिन्न-भिन्न शरारतों से उसकी मोहित हो जाता मेरा चित्त, मेरा ये मन, भिन्न-भिन्न शरारतों से उसकी मोहित हो जाता मेरा चित्त, मेरा ये मन,
इस खुशियों भरे दिन की सभी करे प्रतिक्षा। इस खुशियों भरे दिन की सभी करे प्रतिक्षा।
दोनों हंसी खुशी के साथ रहते हैं अजनबी से पकके जीवन साथी बन जाते है। दोनों हंसी खुशी के साथ रहते हैं अजनबी से पकके जीवन साथी बन जाते है।
उम्मीद थी बची अभी भी उसकी ताप में मगर अब वो बस कुछ मूक सा रह गया था उम्मीद थी बची अभी भी उसकी ताप में मगर अब वो बस कुछ मूक सा रह गया था
कविता की सूरत और प्रीत की मूरत का मुखड़ा है तू मेरी . कविता की सूरत और प्रीत की मूरत का मुखड़ा है तू मेरी .
तब जाकर मैंने एक बार फिर से सपनों का साम्राज्य खड़ा किया। तब जाकर मैंने एक बार फिर से सपनों का साम्राज्य खड़ा किया।
किया परीक्षण, दी औषधि उसी क्षण, करता रहा सेवा, किया परीक्षण, दी औषधि उसी क्षण, करता रहा सेवा,
आशीर्वाद प्रकृति देती है पिता हिमालय और माँ गंगा। आशीर्वाद प्रकृति देती है पिता हिमालय और माँ गंगा।
एक दूजे के इश्क में डूबकर, इश्क की नदियाँ बहानी है, एक दूजे के इश्क में डूबकर, इश्क की नदियाँ बहानी है,
एक दिन ऐसे साम्राज्य का उदय होगा राम राज्य का स्वप्न साकार होगा एक दिन ऐसे साम्राज्य का उदय होगा राम राज्य का स्वप्न साकार होगा
मन में पड़ी दरार, अजनबी बन रह गये हम दोनों। मन में पड़ी दरार, अजनबी बन रह गये हम दोनों।
सबको मिलें ऐसे अजनबी कहता हूँ मैं भरकर उमंग। सबको मिलें ऐसे अजनबी कहता हूँ मैं भरकर उमंग।
असली राजा कलम ही होती साम्राज्य झुका सकती ये जान। असली राजा कलम ही होती साम्राज्य झुका सकती ये जान।
कल किसने देखा है... अपने आज में खुश रहो. कल किसने देखा है... अपने आज में खुश रहो.
मन का कितना विस्तृत साम्राज्य है जब कोई मन पे राज करता है तो। मन का कितना विस्तृत साम्राज्य है जब कोई मन पे राज करता है तो।