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Gulab Jain

Inspirational

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Gulab Jain

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मुक़ाबला मुश्किलों से ___

मुक़ाबला मुश्किलों से ___

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राह मुश्किल तो है मगर चलना होगा

रुखे-आफ़ताब किया है तो जलना होगा ।

ज़िंदगी तपिश के सिवा कुछ भी नहीं,

बर्फ़ की मानिंद बस पिघलना होगा ।

क्यूँ बुलंदी पे इतराए आफ़ताब,

शाम होगी, उसको भी ढ़लना होगा।

इतना आसां कहाँ अंधेरे रौशन करना,

शमा को भी रात भर पिघलना होगा।

क्यूँ घबराते हो मुश्किलों से ऐ दोस्त।

'गुलाब' को काँटों के संग पलना होगा।

        



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