धड़कनें थमीं हैं...
धड़कनें थमीं हैं...
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आँख में कुछ नमीं है शायद।
ज़िन्दगी में कुछ कमी है शायद।
देखते ही तुम्हारे चेहरे को,
धड़कनें कुछ थमीं हैं शायद।
वक़्त का इंतज़ार है इसको,
राख अंगार पर जमीं है शायद।
आओ आसमान पे घर ढूंढें,
इंसां से ख़ाली ज़मीं है शायद।
मंज़िलें ख़ुद सिमट कर आएँगीं,
चाल में कुछ कमी है शायद।
