STORYMIRROR

Jayant Paul

Others

4  

Jayant Paul

Others

वो चार लोग

वो चार लोग

1 min
492

कल दिखे थे वो चार लोग

हवाला देता था मेरा परिवार

जिनका

बचपन कटा इस बात को ज़हन

में दबाये

की वो चार लोग ही तो भगवान है

उनकी चार बातें ही देव वचन है

उन चार बातों में घिरा हर इंसान है


चार दिन की ज़िन्दगी है मेरी

चार चाँद इसमें मैं ही लगाऊंगा

ये बोल लड़ता था हर किसी से

उन चार बातों से परे

खुद की एक पहचान बनाऊंगा


फिर रास्ते में दिखी एक लड़की

बारिश के पानी में कूदते चीखते

भूल चुकी थी उन चार लोगो की

बातों को

आदतन फिर बोल ही पड़ा मैं

ख्याल नहीं क्या इसे दुनियादारी का


की अचानक ही एहसास हुआ मुझे

एक ज़हर घुला हुआ है ज़माने में

मिटाने को जिसे नहीं उठ पाता कोई तर्क

जिन से लड़ा उन्ही का अब हिस्सा हूँ मैं

वो चार लोग और मुझ में अब क्या फर्क


Rate this content
Log in