सिर्फ इतनी सी बात
सिर्फ इतनी सी बात
बात सिर्फ इतनी सी है . . .
जो ठहरा न था किसी मोड़ पे कभी . . .
तेरी मोड़ पे रुक वो घंटों बिताता है . .
जो रुकता न था ज़माने की बातों से . .
तेरा ज़िक्र होते ही कुछ थम सा जाता है . . .
बात सिर्फ इतनी सी है . . .
जिसे इक पल को न था ज़माने का डर . . .
तेरे जाने का डर उसे हर पल सताता है . . .
जिसे फिक्र न थी दुनिया की बातों की . . .
तेरी बात न होने पर वो फिक्र जताता है . . .
बात सिर्फ इतनी सी हे . . .
कि ज़रुरत न थी उसे दुनिया ज़माने की . . .
तेरा साथ पाने को हर पल को तरस जाता है . . .
मजबूर न हुआ जो कभी हालातों से . . .
खुद के हालात तुझे बताने को घबराता है . . .
बात सिर्फ इतनी सी है . . .
डरता न था वो कुछ बोलने से पहले . . .
तेरी एक झलक से शब्दहीन हो जाता है . .
मांगता न था वो खुदा से कभी कुछ . .
तेरे दीदार की वो अब अर्जि़याँ लगाता है . . .
बात सिर्फ इतनी सी है . . .