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Shital Yadav

Fantasy Inspirational

4  

Shital Yadav

Fantasy Inspirational

ख़्वाब

ख़्वाब

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सोने देता ना जागने देता हर पल पुराना ख़्वाब मुझे। 

स्याह रातों में नींदें चुरा सताने लगता है महताब मुझे। 


पास बैठी रहूँ साहिल के मगर बुझती नहीं प्यास मेरी, 

समंदर-ए-सवाल घेरे रहते हैं यूँ लहरों के गिर्दाब मुझे। 


जुस्तुजू-ए-वजूद में भटकता रहता है दिल दर-ब-दर, 

होता भरम यूँ हर सम्त में नज़र आने लगे सराब मुझे।

 

फ़ुरसत से रब ने बनाई है तस्वीर ख़ूबसूरत जहाँ की, 

मिला है मोहब्बत में ज़िंदगी के होने का निसाब मुझे।


बढ़ती जा रही तिश्नगी दिल की आरज़ू यही है'शीतल' 

हो ऐसी जादूगरी मुकम्मल हो ख़्वाब करे सैराब मुझे।


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