तमन्ना
तमन्ना
कभी तमन्ना को मिले आरज़ू
तुम कभी मिलने आ जाओ
हर ख्वाहिश मेरी हो जाए पूरी
तुम कभी मेरी राहो से गुज़र जाओ.....
मेरे अहसास के छुपे ख्यालो में..
तुम कभी मिलने आ जाओ..
हर दास्ता मेरी हो जाये पूरी...
तुम कभी मेरे हक़ीकत मे दिख जाओ...
करार बनके इकरार-ए-इश्क..
कभी तुम मिलने आ जाओ..
हर बात सुनी खामोशी की..
तुम कभी मेरे इश्क का इज़हार कर जाओ..
वक्त पे रुकी वफ़ा की मंज़िले..
कभी तुम मिलने आ जाओ..
हाथो की लकीरो का नसीब बन के...
तुम कभी मेरे एतबार को समझ जाओ...
दिल मे बसी जो तस्वीर..
तुम कभी मिलने आ जाओ..
दीदार का इन्तिज़ार बन रकीब..
तुम कभी मेरे चाँद सा नज़र आ जाओ...
तमन्नाओ का जहाँ सिमटा..
तुम कभी मिलने आ जाओ...
रुह को लगे सुकून-ए-इश्क..
तुम कभी नंदिता के इबादत से मिल जाओ...!!

