दीवाना बड़ा खराब है
दीवाना बड़ा खराब है
बात थोड़ी सी तो कर ले मुझसे,
क्यों इतनी नाराज है।
कल तक सुबह का अलार्म थी ये,
आज क्या हुआ मेरी इतनी खराब आवाज है।
गिले शिकवे चुप रह कर नही किये जाते पागल,
अब खोल भी दे जो गुस्से का बैराज है।
झूठ आज तक तुझसे कब बोल पाया मैं,
कभी सच्चा नही लगा मेरा प्यार क्या ये बात है।
न बात कर तो सर ही रख लेने दे गोद में,
एक पल भी नही खोना चाहता जो आज है।
तेरी उंगलियां क्यों कांप रही है मेरे हाथों में,
घबरा रहा है दिल मेरा कह दे क्या राज है।
देख रो न दूँ कही छूट कर तुझसे वरना,
मुस्कुरा ना, तेरी हंसी मेरी सिराज है।
कसम है मुझे मेरी, कह दे वो सब कर दूंगा,
तुझे हरपल खुश रखना हमेशा से मेरा ख्वाब है।
मेरे इश्क की हद मत टटोल कर देख, पछताएगी,
सोचेगी तन्हा बैठकर दीवाना तो बड़ा खराब है।