कब मिलोगे ?
कब मिलोगे ?
गलियाँ बहुत सकरी सी हैं भारत की,
लोगों से अटी पड़ी हैं।
इतने मोड़ हैं, कि रास्ता बदल ले कोई अगर
तो बिछड़ जाए जीवन भर के लिए।
यहाँ दुनिया अत्यंत छोटी नहीं
बहुत वृहद है,
किसी भी मोड़ पर तुमसे ना टकराकर,
यह एहसास हो जाता है।

