मुझे उन हाथों का स्पर्श याद है , मुझे उन आँखों की नमी याद है , बिलकुल आज भी वैसे ही ज़हन में है वो मुझे उन हाथों का स्पर्श याद है , मुझे उन आँखों की नमी याद है , बिलकुल आज भी वैसे...
न कोई साथ रिश्ते जाते हैं दरक लोग कहें इसे बुढ़ापे की सनक। न कोई साथ रिश्ते जाते हैं दरक लोग कहें इसे बुढ़ापे की सनक।
तेरी याद में लिखती मेरी कलम आज भी है ! तेरी याद में लिखती मेरी कलम आज भी है !
पैरों में पायल की खनक मयूर खुशियों के गीत गए आये नए मौसम के इंतज़ार करते पेड़, जल , पैरों में पायल की खनक मयूर खुशियों के गीत गए आये नए मौसम के इंतज़ार करत...
मीठी सुबह मैं घुल जाओ यही बता रही थी। मीठी सुबह मैं घुल जाओ यही बता रही थी।
हरियाली में और आज भी तुम ओझल हो नजरों से। हरियाली में और आज भी तुम ओझल हो नजरों से।