आज का भारत
आज का भारत
तू मांगेगा तो क्या तुझको गलवान दे देंगे,
क्या आन बान शान अपना मान दे देंगे?
जा भूल जा ड्रैगन सन् ६२ के भारत को,
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।
तू अपनी हरकतों से अगर बाज न आया,
भारत के सिंह सैनिकों को अगर उकसाया।
तो आज तोहफे में तुझे शमशान दे देंगे।
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।
मां भारती के लाल सीना तान खडें हैं,
अच्छे हैं कभी हम कभी खूंखार बडे हैं।
अब आखिरी आखिर तुझे अंजाम दे देंगे।
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।
शातिर है तू इसकी सजा हम दे के रहेंगे।
बदला हमारा हम आखिर ले के रहेंगे।
चुन के कोई निश्चित तुझे निशान दे देंगे।
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।