सर्वदा विजयी भारत एवं आज का भारत
सर्वदा विजयी भारत एवं आज का भारत
1. सर्वदा विजयी भारत
मेरा भारत बसा है हृदय में मेरे,
मैं समर्पित हूँ माँ भारती के लिए।
उज्वलित भाव हैं जैसे जलते दिए
मैं समर्पित हूँ माँ भारती के लिए।।
वो जो कहते हैं टुकड़े करेंगे इसे
भेड़िये जाने अब तक हैं कैसे बचे
सिंह मां भारती के जगे लाल जो,
सांस भी न बचे जिंदगी के लिए।।
शांति प्रिय भारतीय प्रेम अर्पित करें
हो जरूरी तो खुद को समर्पित करें
गर जो मुश्किल में हो जग किसी भोर तो
उभरे इक आस बन हर किसी के लिए
लाख शोले हों चाहे कठिन राह हो,
द्वेष के भाव हों चाहे पथराव हो।
हिन्द के वासी हारे नहीं आज तक
ये तो जीते हैं बस जीतने के लिए।
2. आज का भारत
त
ू मांगेगा तो क्या तुझ को गलवान दे देंगे,
क्या आन बान शान अपना मान दे देंगे।
जा भूल जा ड्रैगन सन् ६२ के भारत को,
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।
तू अपनी हरकतों से अगर बाज न आया,
भारत के सिंह सैनिकों को अगर उकसाया।
तो आज तोहफे में तुझे शमशान दे देंगे।
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।
मां भारती के लाल सीना तान खड़े हैं,
अच्छे हैं कभी हम कभी खूंखार बड़े हैं।
अब आखिरी आखिर तुझे अंजाम दे देंगे।
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।
शातिर है तू इसकी सजा हम दे के रहेंगे।
बदला हमारा हम आखिर ले के रहेंगे।
चुन के कोई निश्चित तुझे निशान दे देंगे।।
हम आज तेरे घर में तेरी जान ले लेंगे।।