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Arunima Bahadur

Inspirational

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Arunima Bahadur

Inspirational

वो लाज राखे

वो लाज राखे

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भूले लाख तू उसको ,

लाज वो सबकी राखे है।

कर अंतर्मन की अब यात्रा,

देख अंतस में वो विराजे है।।


युगों युगों से वो ही तेरा,

एकमात्र ही प्रियतम है।

जन जन के अंतस में बैठा,

वह ही तो तेरा दर्पण है।।


भूल गया तो प्रियतम को,

मंदिर,मंदिर भटक रहा।

वह तो निहारे राह तेरी,

न जाने कब से पुकार रहा।।


तू खोजे कष्टों का हल,

द्वारे द्वारे भटक भटक।

कभी न खोला अंतस द्वारा,

जीवन बना बस उठा पटक।।


एक बार तो चल अंतस को तू,

दर्द वो सब हर लेगा।

चाहत तेरी जो जन्मों की,

पल में पूरी कर देगा।।


वही एक तो रखवाला तेरा,

वही तो तेरा माही है।

लाज जो रखे सदा तेरी,

वही प्रेम का जो पुजारी है।।


करूं प्रणाम मैं प्रियतम का,

अंतस नगरी में दर्शन करू।

न खोजू उसे द्वारे द्वारे,

नित मैं उसमें मगन रहूं।।



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