STORYMIRROR

बेज़ुबानशायर 143

Inspirational

4  

बेज़ुबानशायर 143

Inspirational

आजादी-के-तराने

आजादी-के-तराने

1 min
233


क्या सुनाऊँ दास्तान मैं

उन महान वीरों का

जिन्होनें देश की आजादी के खातिर

हँस कर चूमा फंदा फाँसी का ।


कितने जतन से हमनें पाई आजादी

जाने कितनी माँओं ने हँस कर

अपनी औलादें कुर्बान की ॥


गुनगुनाऊँ मैं आज भी

उनकें आजादी के तराने ।

उनके त्याग उनके बलिदान के

हम आज भी दीवाने ॥


कितने जतन से हमने पाई आजादी 

जिसके लिए कितनों ने

अपने दिन -रात के चैन संग

अपनी हर अनमोल चीजें कुर्बान की ॥


शब्द ही नहीं हैं उनकी व्याख्या के लिए

जिसमें उनकी दास्तान समा पाऊँ ।

पुष्प भी नहीं है ऐसे जो,

उनके श्रद्धा सुमन में अर्पण कर पाऊँ ।


है बस हृदय से उनके लिए सच्ची भावना

जब तक रहें साँस मेरी 

मेरा भारत महान संग

उन महान वीरों के भी गुणगान गाऊँ गुणगान गाऊँ ॥


जय हिन्द जय भारती

नित्य करूँ तेरी आरती ॥



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational