मां भारती
मां भारती
मेरा भारत बसा है हृदय में मेरे,
मैं समर्पित हूँ माँ भारती के लिए।
उज्वलित भाव हैं जैसे जलते दिए
मैं समर्पित हूँ माँ भारती के लिए।।
वो जो कहते हैं टुकड़े करेंगे इसे
भेड़िये जाने अब तक हैं कैसे बचे
सिंह मां भारती के जगे लाल जो,
आस भी न बचे जिंदगी के लिए।।
शांति प्रिय भारतीय प्रेम अर्पित करें
हो जरूरी तो खुद को समर्पित करें
गर जो मुश्किल में हो जग किसी भोर तो
उभरे इक आस बन हर किसी के लिए
लाख शोले हों चाहे कठिन राह हो,
द्वेष के भाव हों चाहे पथराव हो।
हिन्द के वासी हारे नहीं आज तक
ये तो जीते हैं बस जीतने के लिए।