हिन्दी का पूजन पग-पग है!!
हिन्दी का पूजन पग-पग है!!
हिन्दी से तन-मन खिल जाए।
हिन्दी से सब गम मिट जाए।।
हिन्दी भाषा अजर अमर है;
हर भाषा में घुल-मिल जाए।।
स्वर व्यंजन हम जब लिखते हैं।
दीप दिलों में तब जलते हैं।।
हिन्दी भाषा के गौरव से ;
विश्व पटल पर जन सजते हैं।।
भाषा को सम्मान दिलाएं।
बाल युवा वृद्ध को पढ़ाएं।।
हिन्दी को समृद्ध करें सभी;
भारत का आँगन महकाएं।।
बोल खड़ी बोली के कहते।
हिन्दी भाषी दिल में रहते।।
भाषा पर अधिकार जमा कर;
नदिया की धारा सा बहते।।
नवरस मीठा गान सुनाएं।
जीने का अरमान जगाएं।।
भाषा की दीवार तोड़कर;
हिन्द-प्रेम से भवन बनाएं।
ज्यों चाँद "पूर्णिमा" जग-मग है।
त्यों हिन्दी भाषा रग-रग है।।
महादेव के वंदन जैसा;
हिन्दी का पूजन पग-पग है।।
