टोली बनावा, गली-गली जावा। हुड़दंग मचावा, होली है आयी। टोली बनावा, गली-गली जावा। हुड़दंग मचावा, होली है आयी।
दर्द सहेजना तुम अगर सीख जाओगे तो रिश्ते सहेजना भी सीख जाओगे। दर्द सहेजना तुम अगर सीख जाओगे तो रिश्ते सहेजना भी सीख जाओगे।
ममता प्यार दुलार भरपूर था जहाँ , वो थी मेरे , माँ की रसोई । ममता प्यार दुलार भरपूर था जहाँ , वो थी मेरे , माँ की रसोई ।
तुम्हारे लिए झूठ की सब्जी, झूठ की दाल संग रोटी से दोपहर का लंच तैयार हो रहा होगा! तुम्हारे लिए झूठ की सब्जी, झूठ की दाल संग रोटी से दोपहर का लंच तैयार हो रहा होगा...
'मैं खाने पीने का शौक़ीन, अदरक की तरह फैल गया, शरीर L से XXXL, और कमर का कमरा बन गया। कोमेडी कविता 'मैं खाने पीने का शौक़ीन, अदरक की तरह फैल गया, शरीर L से XXXL, और कमर का कमरा बन...