तेरा मेरा नहीं हमारा है, इसे अशफ़ाक़-बिस्मिल ने संवारा है। तेरा मेरा नहीं हमारा है, इसे अशफ़ाक़-बिस्मिल ने संवारा है।
हल्ला-गुल्ला गली-गली में मस्त मौलों की हस्ती है हल्ला-गुल्ला गली-गली में मस्त मौलों की हस्ती है
झोपड़ी में रहने वाला, उसका राजकुमार कहीं खो गया। झोपड़ी में रहने वाला, उसका राजकुमार कहीं खो गया।
किसी दिन कूड़े सा, दिखेगा तेरा भी घर। किसी दिन कूड़े सा, दिखेगा तेरा भी घर।
अब तो सब बड़े अधूरे और वीराने से हो गए, ये गली मोहल्ले, बहुत सुनसान से हो गए। अब तो सब बड़े अधूरे और वीराने से हो गए, ये गली मोहल्ले, बहुत सुनसान से हो गए।
दिलों में अनकही दूरियाँ पनपती जा रही हैं वो पूरा मोहल्ला हमारा कहाँ दिखता है। दिलों में अनकही दूरियाँ पनपती जा रही हैं वो पूरा मोहल्ला हमारा कहाँ दिखता है।