वक़्त सा था गुज़र गया
वक़्त सा था गुज़र गया
पानी सा था
बह गया,
हवा सा था
चल दिया,
आग सा था
जला दिया
वक़्त सा था
गुज़र गया,
चाँद सा था
अधूरा रह गया,
पत्थर सा था
टूट गया,
आँधी सा था
उड़ गया,
बारिश सा था
रो दिया,
ज़मीं सा था
सब समा लिया,
सूरज की धूप सा था
नया सवेरा बना लिया।।