STORYMIRROR

Rohan kumar Danderwal

Drama

4.6  

Rohan kumar Danderwal

Drama

वक़्त सा था गुज़र गया

वक़्त सा था गुज़र गया

1 min
488


पानी सा था

बह गया,

हवा सा था

चल दिया,


आग सा था

जला दिया

वक़्त सा था

गुज़र गया,


चाँद सा था

अधूरा रह गया,

पत्थर सा था

टूट गया,


आँधी सा था

उड़ गया,

बारिश सा था

रो दिया,


ज़मीं सा था

सब समा लिया,

सूरज की धूप सा था

नया सवेरा बना लिया।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama