STORYMIRROR

Vishakha Gavhande

Inspirational

3  

Vishakha Gavhande

Inspirational

राखी बंधन

राखी बंधन

1 min
211

मुझ पर ये राखी का प्यार

    यूं ही उधार रहने दो ।

      बड़ी हसीन है, ए कर्ज

           मुझे कर्जदार रहने दो ।।


वो आंखें जो छलकती हैं बहन की

    गम में, खुशी में मेरे लिए 

उसके लिए मेरे घर के और दिल के दार सदा 

खुले रहने दो


मौसम लाख बदलते रहे

     आए भले बसंत, पतझड़

          यूं ही मुझे अपने राखी के बंधन में रहने दो  


महज एक धागा नहीं है ये 

     बगिया है विश्वास की

      इसे गुलजार रहने दो


भाई बहन के इस त्योहार को

यूं ही सालो साल  बरकरार

रहने दो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational