STORYMIRROR

Vishakha Gavhande

Romance

4  

Vishakha Gavhande

Romance

प्यार मे मुझे कर्जदार रहने दो

प्यार मे मुझे कर्जदार रहने दो

1 min
265


मुझ पर ये आपका प्यार

 यूं ही उधार रहने दो ।

 बड़ी हसीन है , ए कर्ज

 मुझे कर्जदार रहने दो ।।


गम में ,खुशी में मेरे लिए

आपके घर के और दिल के

दार सदा खुले रहने दो!! 


मौसम लाख बदलते रहे

यूं ही मुझे अपने प्रेम के

बंधन मे रहने दो !! 


महज एक रिश्ता नहीं है ये 

 बगिया है विश्वास की

 इसे गुलजार रहने दो!! 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance