pali kaur
Abstract
आत्मा आवाज
परमात्म की मौज
खिले जिंदगी ।
दिल कागज़
है प्रभुनांमाकित
जीवन पार।
कोरा कागज
प्रभु चरण छाप
सुखी जीवन ।
हाइकु कविता
स्मृति पटल
करामात लेखन
हाइकु
हाइकु मुक्तक
माँ
दावत
शाम ढले चाँद से मुलाकात जो यूँ हो जाती है, दबी हुई आकांक्षाएँ फिर से जाग उठती है, शाम ढले चाँद से मुलाकात जो यूँ हो जाती है, दबी हुई आकांक्षाएँ फिर से जाग उठती...
सौतन के पास जाएगा आदमी दो-चार घंटे के लिए ! सौतन के पास जाएगा आदमी दो-चार घंटे के लिए !
निर्मित पथ पर अनुगमन सरल है, पर नव पथ का निर्माण है दुष्कर। निर्मित पथ पर अनुगमन सरल है, पर नव पथ का निर्माण है दुष्कर।
बिन कहे मेरे मन को जाना ऐसा है मेरा भगवान बिन कहे मेरे मन को जाना ऐसा है मेरा भगवान
काश! मै भी एक ख़त हो पाता। जिसके पास जहाँ जाना चाहता उसके पास वही पहुँच जाता। काश! मै भी एक ख़त हो पाता। जिसके पास जहाँ जाना चाहता उसके पास वही पहुँच जा...
खुद को दलदल का फूल तुम क्यों नहीं करते हो ख़ुद को वक्त रहते संभाल दम निकलने से पहले, खुद को दलदल का फूल तुम क्यों नहीं करते हो ख़ुद को वक्त रहते संभाल दम निकलने से...
सांप को दिया जहर तूने बिच्छू को दिया डंक तूने ये राज है क्या ये गहरा बोलोना प्रभू ,,,, सांप को दिया जहर तूने बिच्छू को दिया डंक तूने ये राज है क्या ये गहरा बोलोना प्र...
अकेले बैठा-बैठा जब कभी थक जाता हूँ तो लिए चला जाता हूँ खुद को पहाड़ों के बीच! अकेले बैठा-बैठा जब कभी थक जाता हूँ तो लिए चला जाता हूँ खुद को पहाड़ों के...
सजा लो हिया में उनको तुम अवध प्रभुराम आये हैं।। सजा लो हिया में उनको तुम अवध प्रभुराम आये हैं।।
मुझे मंजूर है , हर तरह से दुआ माँगना। हे-सारथी बिन माँगे भी मुझे बहुत मिला। मुझे मंजूर है , हर तरह से दुआ माँगना। हे-सारथी बिन माँगे भी मुझे बहुत मिला।
बिना कारण, इधर उधर की हाँकेंगे तोता उड़, मैना उड़ और गधा लोट करेंगे। बिना कारण, इधर उधर की हाँकेंगे तोता उड़, मैना उड़ और गधा लोट करेंगे।
हर दिल चाहता है एक ऐसा जीवनसाथी मिल जाए, पास जब वो आए तो मन को सुकून मिल जाए.. हर दिल चाहता है एक ऐसा जीवनसाथी मिल जाए, पास जब वो आए तो मन को सुकून मिल जाए....
बहुत याद आए तुम आने से पहले। बहुत याद आओगे तुम जाने के बाद बहुत याद आए तुम आने से पहले। बहुत याद आओगे तुम जाने के बाद
सदा झूठ-कपट लालच फरेब से हमें, लड़ना भिड़ना और जूझना सिखाया। सदा झूठ-कपट लालच फरेब से हमें, लड़ना भिड़ना और जूझना सिखाया।
हर रोज ढलते दिन के साथ परछाई की तरह बढ़ती है हर रोज ढलते दिन के साथ परछाई की तरह बढ़ती है
पानी ठहरता नहीं तारकोल के सड़कों पर बह जाता है सूख जाती है सड़क ! पानी ठहरता नहीं तारकोल के सड़कों पर बह जाता है सूख जाती है सड़क !
सिर्फ निवेदन है विनम्रता से , एक बार, जवाब तो देना ! सिर्फ निवेदन है विनम्रता से , एक बार, जवाब तो देना !
चाहकर भी मौत अब न मांगता । ज़िन्दगी अब जिम्मेदारी हो गई है।। चाहकर भी मौत अब न मांगता । ज़िन्दगी अब जिम्मेदारी हो गई है।।
इस कलम की अग्नी की ताकत क्या जानो l शब्दो के पीछे छिपी हरकत क्या जानो ll इस कलम की अग्नी की ताकत क्या जानो l शब्दो के पीछे छिपी हरकत क्या जानो ll
उस किताब का हर पन्ना और हर अक्षर भी मैं ही हूँ... और किताब का शीर्षक भी तो मैं ही हूँ। उस किताब का हर पन्ना और हर अक्षर भी मैं ही हूँ... और किताब का शीर्षक भी तो मै...