pali kaur
Abstract
आत्मा आवाज
परमात्म की मौज
खिले जिंदगी ।
दिल कागज़
है प्रभुनांमाकित
जीवन पार।
कोरा कागज
प्रभु चरण छाप
सुखी जीवन ।
हाइकु कविता
स्मृति पटल
करामात लेखन
हाइकु
हाइकु मुक्तक
माँ
दावत
नदी ने चुना आसान सा रास्ता पत्थरों को तोड़ने का हर लहर का कटाक्ष नदी ने चुना आसान सा रास्ता पत्थरों को तोड़ने का हर लहर का कटाक्ष
बच्चे, बूढ़े, जवान सभी रंग चुके हैं आज तकनीक के रंग में, चाह कर भी निकलना है मुश्किल ढल चुके हैं ... बच्चे, बूढ़े, जवान सभी रंग चुके हैं आज तकनीक के रंग में, चाह कर भी निकलना है ...
क्या ये समाज एक लड़की को इंसान समझ पायेगा ? या यूं ही पुरुष प्रधान समाज चलता रह जाएगा? क्या ये समाज एक लड़की को इंसान समझ पायेगा ? या यूं ही पुरुष प्रधान समाज चलता र...
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते दे जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूर...
जिस से जो भी मिलता फूल या कांटे, सभी को प्यार से गले लगा लेता था वो। जिस से जो भी मिलता फूल या कांटे, सभी को प्यार से गले लगा लेता था वो।
क्यों की छोड़ सकता नहीं तरीका अपना फैलाने का ठेलम ठेला क्यों की छोड़ सकता नहीं तरीका अपना फैलाने का ठेलम ठेला
वो जिन्दगी भी क्या है? अगर जी भर के जीए नहीं वो जिन्दगी भी क्या है? अगर जी भर के जीए नहीं
बेबस बन परमेश्वर को ढूंढ़ते रहते हैं अपने अंदर के परमेश्वर से हम मिलना कब चाहते हैं? बेबस बन परमेश्वर को ढूंढ़ते रहते हैं अपने अंदर के परमेश्वर से हम मिलना कब ...
विस्मृत हुआ दुर्योधन को हों भीमसेन या युधिष्ठिर, विस्मृत हुआ दुर्योधन को हों भीमसेन या युधिष्ठिर,
एक दिन ये जमीं और आसमां सब अजनबी हो जाएंगे। एक दिन ये जमीं और आसमां सब अजनबी हो जाएंगे।
प्रभु भेजते नर रूप में गुरु को, जो कहलाते ब्रह्म ज्ञानी।। प्रभु भेजते नर रूप में गुरु को, जो कहलाते ब्रह्म ज्ञानी।।
एक आवाज आती अंतर से नहीं, कुछ बाकी है जो पाना है, थोड़ा और चल एक आवाज आती अंतर से नहीं, कुछ बाकी है जो पाना है, थोड़ा और चल
उस बेटी की चीखों को राजनीति के शोर ने ही दबाया था। उस बेटी की चीखों को राजनीति के शोर ने ही दबाया था।
अब तक समझा नही ए ज़िन्दगी, तुझे बस काटना है या जीना है. अब तक समझा नही ए ज़िन्दगी, तुझे बस काटना है या जीना है.
काबिलीयत के रहते कमजोरों को पैसे व बल से दबा दिया जाता है काबिलीयत के रहते कमजोरों को पैसे व बल से दबा दिया जाता है
फिर अचानक एक पल में ख्वाबों का टूट जाना, आसान नहीं यूँ आगे बढ़ जाना फिर अचानक एक पल में ख्वाबों का टूट जाना, आसान नहीं यूँ आगे बढ़ जाना
चीजो को कुछ समझने लगी हूं ,बिन सोचे बोलने से डरने लगी हूं । चीजो को कुछ समझने लगी हूं ,बिन सोचे बोलने से डरने लगी हूं ।
तेरा बुत बनू और बंद रहूँ मंदिर के तालों में, तेरा बुत बनू और बंद रहूँ मंदिर के तालों में,
पहने ऐनक और हाथ छड़ी ,छवि बड़ी ही मनमोहक होती थी। पहने ऐनक और हाथ छड़ी ,छवि बड़ी ही मनमोहक होती थी।
शिव ही हर रोशनी का मूल दीप है शिव ही हार और शिव ही जीत है शिव ही हर रोशनी का मूल दीप है शिव ही हार और शिव ही जीत है