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Surendra kumar singh

Drama

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Surendra kumar singh

Drama

देखो देखो

देखो देखो

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देखो देखो

मेरी आँखें बंद हैं

और मुझे सब दिखता है।

दिखता है मेरा अपना चेहरा

आंख बंद किये हुये

चेहरे पर रोशनी का

स्टिकर लगाए हुये,


या एक पैबंद लगाये

अंधेरे में।

देखो देखो

मेरी आँखें बंद हैं

और मुझे सब दिखता है

दिखता है


काले काले खम्भों पर

टिके हुये काले काले पहाड़

और पहाड़ के ऊपर

गरजती, बहती

आवाज की एक नदी

और आस पास


रहस्यमय बादलों का

सक्रिय मानसून

और आवाजों की प्रतिध्वनि

इन्ही बादलों को छूकर

सफेद सफेद कागजों पे

उभरते हुये स्याह स्याह बिम्ब


फिर एक आवाज अंधेरे में

आंखे खोलो

कहो जो देखा।


लगता है

सत्य आग्रह कर रहा है

गतिशील होने के लिये

अंधेरे में।


समझता हूँ आवाज

देखता हूँ दृश्य

बिम्बों का बहना

अद्भुत सम्मिलन

ख़ौफ़नाक नजारे


लेकिन भाई

अंधे को गोली

बहरे को गाली

मृत्यु को जीवन

आई कांट डू लाइक दैट

अंधेरे में।


देखो देखो मेरी आँखें बंद हैं

और मुझे सब दिखता है अंधेरे में।


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