तुम बस ढूंढते रह जाओगे
तुम बस ढूंढते रह जाओगे
तुम बस ढूंढ़ते रह जाओगे
ना ओ दिन कभी वापस आएंगे
ना कभी ओ रातें
बस दिल में तुम्हारे रह जाएंगी,
ओ मीठी मीठी बातें
सावन से बारिश दूर होगी
ये दिल बस मजबूर होगा
अपनी ही काया से दूर हो जाओगे,
तुम बस ढूंढ़ते रह जाओगे
अब अगर तुम नींद में सोये
समझो सारे सपने खोये
बाद में फिर अपने कर्म को,
गाली दे पछताओगे,
तुम बस ढूंढते रह जाओगे
चलो अब अपनी पंख पसारो
आसमान में अब उड़ान भरो
वरना फिर नभ को देख आँखों से,
नीर बहाओगे,
तुम बस ढूंढते रह जाओगे।